प्रदेश के छह सरकारी डिग्री कालेजों के लिए एनसीटीई ने जांच के बाद बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने की स्वीकृति दी है। वहीं, राजकीय पीजी कालेज उत्तरकाशी में एनसीटीई की जांच के दौरान लापरवाही बरतने पर शासन ने प्राचार्य का जवाबतलब किया है। साथ ही प्राचार्य को जांच के लिए जरूरी औपचारिकता पूरी करने के लिए एक पखवाड़े की मोहलत दी गई है। सरकारी डिग्री कालेजों में सेल्फ फाइनेंस बीएड खोलने की प्रदेश सरकार की प्राथमिकता के बावजूद कुछ कालेजों ने एनसीटीई की जांच के दौरान सतर्कता नहीं बरती। उत्तरकाशी, गैरसैंण व डाकपत्थर के ऐसे तीन कालेजों की जांच में एनसीटीई ने आपत्तियां लगा दी हैं। उक्त कालेजों की दोबारा जांच के लिए शासन ने एनसीटीई से पैरवी की है। साथ ही प्राचार्यो को तैयारी चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए गए हैं। विशेषकर राजकीय पीजी कालेज उत्तरकाशी में जांच के दौरान एक ही कक्ष में तीन प्रयोगशाला, अपर्याप्त फर्नीचर के चलते एनसीटीई ने आपत्ति लगा दी है। इस आपत्ति की जानकारी मिलने पर शासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव विजेंद्र पाल के मुताबिक उक्त कालेज प्राचार्य डा. कर्नाटक का जवाबतलब किया गया है। जांच में लापरवाही बरतने की वजह से उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही अमल में लाने पर विचार होगा। प्राचार्य से 15 दिन में जांच की औपचारिकता पूरी करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश, अगस्त्यमुनि, रुद्रपुर, गोपेश्र्वर, चमोली व लोहाघाट के कालेजों में बीएड पाठ्यक्रम को एनसीटीई की स्वीकृति मिल चुकी है। एनसीटीई की नार्दर्न रीजनल कमेटी (एनआरसी) की हफ्ताभर पहले हुई बैठक में उक्त निर्णय किया गया है।
Source: www.uttaraportal.com
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