उच्च शिक्षा के बाद अब प्राविधिक शिक्षा में उच्च शिक्षित-प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार का तोहफा मिलेगा। स्टाफ की कमी से जूझ रहे सरकारी पालीटेक्निकों में 317 गेस्ट फैकल्टी नियुक्त होंगी। राज्य में सरकारी पालीटेक्निकों की तादाद 35 से बढ़कर 37 हो गई है। हाल ही में रुद्रप्रयाग के जखोली व पिथौरागढ़ के डीडीहाट में नए पालीटेक्निकों को मंजूरी मिली है। इनमें विभिन्न ट्रेडों की सीटें बढ़कर 4669 हो गई हैं। सीटों में और इजाफा होना तय है। साथ ही करीब आधा दर्जन पालीटेक्निकों में दूसरी पाली भी संचालित की जाएंगी। संस्थानों और ट्रेडों की संख्या के मुकाबले जरूरी फैकल्टी व स्टाफ की जबरदस्त कमी है। विशेषकर दूरदराज व दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के पालीटेक्निक शिक्षकों के लिए तरस रहे हैं। लंबे अरसे तक यह समस्या बरकरार रहने से पढ़ाई की गुणवत्ता पर तो असर पड़ा ही है, इन संस्थानों पर एआईसीटीई की तलवार लटक सकती है। तकनीकी शिक्षा मंत्री का प्रभार संभाल रहे मुख्यमंत्री के निर्देशों के मद्देनजर महकमे ने समस्या का समाधान ढूंढ निकाला है। नियमित नियुक्ति का रास्ता लंबा होने और राज्य लोक सेवा आयोग से नियुक्ति प्रक्रिया में विलंब की वजह से 'शार्टकट' तरीके से नियुक्तियां होंगी। लिहाजा महकमे ने 317 गेस्ट फैकल्टी की तैनाती का प्रस्ताव तैयार किया है। सरकार की मुहर लगते ही इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाया जाएगा। महकमे ने लेक्चरर के 190, कर्मशाला अनुदेशकों के 101 और कंप्यूटर प्रोग्रामर के 26 पदों पर गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति प्रस्तावित की है। प्रस्ताव के मुताबिक उक्त नियुक्तियां दो शैक्षिक सत्रों वर्ष 2008-09 और 2009-10 के लिए होंगी। लेक्चरर को प्रति लेक्चर दो सौ रुपये व महीने में अधिकतम 10 हजार रुपये मिलेंगे। महीने में उनके अधिकतम 50 लेक्चर होंगे। कर्मशाला अनुदेशक व कंप्यूटर प्रोग्रामर को 130 रुपये प्रति लेक्चर व महीने में अधिकतम 6500 रुपये भुगतान किया जाएगा। उनके लिए महीने में अधिकतम 80 लेक्चर नियत किए गए हैं। गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति एआईसीटीई के मानकों के मुताबिक ही होंगी। महकमे को प्रस्ताव पर उच्चानुमोदन मिलने का इंतजार है।
दैनिक जागरण - 16/10/2008 [प्रादेशिक समाचार]
दैनिक जागरण - 16/10/2008 [प्रादेशिक समाचार]
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