पर्यटन महकमे की वेबसाइट में सुव्यवस्थित जानकारी नहीं मिलने से पर्यटकों व श्रद्धालुओं को मायूस नहीं होना पड़ेगा। महकमे ने अपनी वेबसाइट को अपडेट करने का जिम्मा विप्रो कंपनी को सौंपा है। कंपनी महकमे की जरूरत के हिसाब से नया साफ्टवेयर विकसित करेगी। उत्ताराखंड के पर्यटक स्थलों और उसके बारे में जरूरी जानकारी की अपेक्षा रखने वाले देश-विदेश के पर्यटकों व श्रद्धालुओं को फिलवक्त महकमे की वेबसाइट पर क्लिक करने पर कई जानकारी अधूरी मिल रही हैं। इससे विश्व पर्यटन मानचित्र पर मुकाम बनाने को छटपटा रहे राज्य की छवि पर असर पड़ रहा है। लिहाजा, महकमे ने वेबसाइट को अपडेट करने का जिम्मा विप्रो को सौंपा है। महकमे की योजना के मुताबिक नए पर्यटन सर्किटों व डेस्टिनेशन की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। विप्रो वेबसाइट तैयार करेगा। पर्यटन सचिव राकेश शर्मा ने स्वीकार किया कि वेबसाइट अभी अपडेट नहीं है। विप्रो को नवंबर तक नए साफ्टवेयर के साथ रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। जरूरत पड़ी तो नया ट्रांसपोंडर लगाने से गुरेज नहीं किया जाएगा। सैफ गेम्स के मौके पर वेबसाइट व साफ्टवेयर का उद्घाटन करने पर विचार किया जा रहा है। पर्यटक स्थलों के ढांचागत विकास की मुहिम के अंतर्गत चार टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने की योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इनमें दोनों मंडलों से दो-दो डेस्टिनेशन चयनित किए गए हैं। गढ़वाल में आसन बैराज से टौंस-यमुना घाटी के मध्य क्षेत्र चकराता और लैंसडौन के पीछे धूमाकोट तक कार्बेट नेशनल पार्क और कुमाऊं में जागेश्वर व पिथौरागढ़ को पर्यटन के नजरिए से विकसित किया जाएगा। एशियन डेवलपमेंट बैंक के कंसल्टेंट करीब एक पखवाड़े तक उक्त क्षेत्र में दौरा करने के बाद प्रोजेक्ट बनाएंगे। सचिव के मुताबिक मुंबई में अप्रवासी उत्ताराखंडियों को जोड़ने के लिए 'कौथीग' के आयोजन पर विचार किया जा रहा है।
दैनिक जागरण - 11/09/2008 [प्रादेशिक समाचार]
दैनिक जागरण - 11/09/2008 [प्रादेशिक समाचार]
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